2 Chronicles 17

1 और उसका बेटा यहूसफ़त उसकी जगह बादशाह हुआ, अौर उसने इस्राईल के मुक़ाबिल अपने आपको मज़बूत किया। 2 उसने यहूदाह के सब फ़सीलदार शहरों में फ़ौजें रखी, और यहूदाह के मुल्क में और इफ़्राईम के उन शहरों में जिनको उसके बाप आसा ने ले लिया था, चौकियाँ बिठाई।

3और ख़ुदावन्द यहूसफ़त के साथ था, क्यूँकि उसका  चाल चलन उसके बाप दाऊद के पहले तरीक़ों पर थी, और वह बा’लीम का तालिब न हुआ, 4 बल्कि अपने बाप-दादा के ख़ुदा का तालिब हुआ और उसके हुक्मों पर चलता रहा, और इस्राईल के से काम न किए।

5इसलिए ख़ुदावन्द ने उसके हाथ में हुकूमत को मज़बूत किया; और सारा यहूदाह यहूसफ़त के पास हदिए लाया,और उसकी दौलत और ‘इज़्ज़त बहुत  फ़रावान हुई| 6उसका दिल ख़ुदावन्द के रास्तों में बहुत  ख़ुश था, और उसने ऊँचे मक़ामों और यसीरतों को यहूदाह में से दूर कर दिया।

7और अपनी हुकूमत के तीसरे साल उसने बिनखैल और अबदियाह और ज़करियाह और नतनीएल और मीकायाह को, जो उसके हाकिम थे, यहूदाह के शहरों में ता’लीम देने को भेजा: 8 और उनके साथ यह लावी थे या’नी समा’याह और नतनियाह और ज़बदियाह और ‘असाहेल और समीरामोत और यहूनतन और अदूनियाह और तूबियाह और तूब अदूनियाह लावियों में से, और इनके साथ इलीसमा’ और यहूराम काहिनों में से थे। 9इसोलिए उन्होंने ख़ुदावन्द की शरी’अत की किताब साथ रख कर यहूदाह को ता’लीम दी, और वह यहूदाह के सब शहरों में गए और लोगों को ता’लीम दी।

10 और ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ यहूदाह के पास पास की मुल्कों की सब हुकूमतों पर छा गया, यहाँ तक कि उन्होंने यहूसफ़त से कभी जंग न की। 11 बा’ज़ कुछ फ़िलिस्ती यहूसफ़त के पास हदिए और ख़िराज में चाँदी लाए, और ‘अरब के लोग भी उसके पास रेवड़ लाए, या’नी सात हज़ार सात सौ मेंढे और सात हज़ार सात सौ बकरे।

12और यहूसफ़त बहुत ही बढ़ा और उसने यहूदाह में क़िले’ और ज़ख़ीरे के शहर बनाए, 13और यहूदाह के शहरों में उसके बहुत से कारोबार और यरूशलीम में उसके जंगी जवान या’नी ताक़तवर सूर्मा थे,

14और उनका शुमार अपने अपने आबाई ख़ान्दान के मुवाफ़िक़ यह था: यहूदाह में से हज़ारों के सरदार यह थे, सरदार ‘अदना और उसके साथ तीन लाख ताक़तवर सूर्मा, 15और उससे दूसरे दर्जे पर सरदार यूहनान और उसके साथ दो लाख अस्सी हज़ार, 16और उससे नीचे ‘अमसियाह बिन ज़िकरी था, जिसने अपने को बख़ुशी ख़ुदावन्द के लिए पेश किया था, और उस के साथ दो लाख ताक़तवर सूर्मा थे; 17और बिनयमीन में से, इलीदा’ एक ताक़तवर सूर्मा था और उसके साथ कमान और सिपर से मुसल्लह दो लाख थे; 18 और उससे नीचे यहूज़बद था, और उसके साथ एक लाख अस्सी हज़ार थे जो जंग के लिए तैयार रहते थे। यह बादशाह के ख़िदमत गुज़ार थे, और उनसे अलग थे जिनको बादशाह ने तमाम यहूदाह के फ़सीलदार शहरों में रख्खा था।

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